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लेखनी ,# कहानीकार प्रतियोगिता # -01-Jul-2023 मेरा बाप मेरा दुश्मन भाग 15

        

                        मेरा बाप मेरा दुश्मन   ( भाग 15 )



               अब तक के भागौ में आपने पढा़ कि किस तरह  तान्या और विशाल  भागकर  शादी करलेते हैं। शादी के बाद उनके एक बेटी रमल  का  जन्म  हो जाता है। तान्या के मम्मी पापा आत्महत्या  करलेते है। तान्या इसका अपराधी स्वयं को मान लेती है और वह बीमार  होजाती है। तान्या की मौत होजाती है ।। क्यौकि तान्या को ट्यूमर  होजाता है।


             तान्या की देख रेख के लि  विशाल सारिका से दूसरी शादी कर लेता है । सारिका की सहेली सलौनी रमला से पैसे कमाने हेतु एक विक्रम  नाम के लड़के  के द्वारा उसे फसाने की कोशिश  करती है। आगे की कहानी इस भाग  में पढ़िए। 


                 रमला उस दिन से विक्रम की दिवानी होती जारही थी। विशाल को इन बातौ की कोई खबर नहीं थी। क्यौकि वह अपने काम से रात को लेट आता था।

      विशाल को तो यह भी नहीं मालूम था कि उसके आफिस जाने के बाद उसके घर में क्या खिचडी़ पकाई जा रही है।

      सारिका ने भी कभी भी उसे सलौनी से नहीं मिलवाया था । विशाल केवल रविवार को ही घर रहता था उस दिन कोई भी उसके घर नहीं आता था।

   रमला ने भी कभी इनबातो का अपने पापा से जिकर तक नहीं किया था। वह अपना जीवन मस्ती में जी रही थी क्यौकि सारिका के माँ बनने के बाद से विशाल ने रमला का  ध्यान रखना ही छोड़ दिया।

      बाप बेटी में आपस में बात हूए भी काफी समय गुजर जाता था। जैसे कि अब विशाल को रमला बोझ लगने लगी हो। विशाल के इसी ब्यबहार के कारण रमला भी अपने पापा से दूर होती चली जारही थी।

        विक्रम और रमला अब अकेले मे मिलते रहते थे। सारिका ने भी उन दौनौ को हरी झंडी दिखा रखी थी। क्यौकि उसे सलौनी ने बुरा लालच दे रखा था।

    अब रमला भी विक्रम की तरफ आकर्षित  होती जारही थी। उसने नशे वाली पार्टियौ में जाना भी कम कर दिया था।

        अपनौ से बंचित आदमी को कोई दो प्यार के बोल बोल देता है तब वह उसकी तरफ खिंचा चला जाता है। यहीं रमला के साथ हो रहा था।

        उसको उसकी मम्मी की मौत के बाद एक सहारे की जरूरत थी जो उसको भटकने से रोक सके। सारिका उसके जीवन में आई तो थी परन्तु वह भी उसे बीच में छोड़कर दूर होगयी।

         रमला को उसके पापा ने तो कभी प्यार दिया ही नही था। इसी लिए रमला को ऐसी गोद की तलाश थी  जहाँ वह अपना सर्बस्व लुटाकर भी प्यार पाने के लिए आतुर थी।

        इसी आतुरता में वह  नशे की तरफ  चली गयी थी। जब विक्रम ने  उसे अपना कहकर अपना आँचल विछा दिया तो वह सकून पाने के लिए ऊपर से  कूद गयी।

         रमला ने विक्रम के अन्दर की कुटिलता को नजर अन्दाज कर दिया और वह विक्म की कठपुतली बनने लगी।

        उसने यह नही सोचा कि यह आदमी कितना खतरनाक खेल खेलने के लिए  तैयार है। वह यह भी भूल चुकी थी कि उसकी सौतेली माँ ने उसे इतनी छूट क्यौ दे रखी है  उसकी कोई चाल तो नहीं है।

      वह प्यार के दो बोल की गंगा में बह चुकी थी।इसमें रमला का कोई दोष नही था। यह सभी के साथ होता है जिस ब्यक्ति को हर तरफ से घृणा व फटकार मिली हो वह किसी के द्वारा थोडा़ प्यार व अपनापन देने से बहक जाता है। वह उसमें हानि लाभ नहीं देखता है।

         सलौनी ने विक्रम को समझा दिया था कि किसी भी तरह रमला के साथ सम्बन्ध बनाने है और उसका वीडियौ बनाना है जिससे उसे ब्लैकमेल किया जासके।

         इसीलिए विक्रम उसको बहलाकर कही शहर से दूर जाने की सोच रहा था लेकिन रमला ने भी बहुत कुछ पढ़ रखा था वह इतनी जल्दी उसके जाल में नही आरही थी।

        इसके लिए विक्रम पूरी कोशिश कर रहा था क्यौकि उसके ऊपर भी सारिका व सलौनी का प्रैसर था।

        उसी समय वैलैन्टाइन डे आगया और विक्रम इस अवसर का पूरा फायदा उठाना चाह रहा था।

       विक्रम रमला से बोला ,"देखो रमला इस वैलेन्टाइन को अपनी यादगार बनाते है कही बाहर घूमने चलते है। "

      रमला बोली," कैसी यादगार बनाना चाहता है। यादगार बनाने के लिए खर्चा भी चाहिए । तेरे पास क्या है?"

       विक्रम चुप होगया। क्यौकि वह तो दूसरौ के पैसौ पर मुफ्त में मौज करता आ रहा था। इसीलिए वह चुप रहगया।

      विक्रम ने यह बात सलौनी भाभी को बताई वह बोली " कितना खर्चा चाहिए।"

विक्रम बोला "इसबार तो पूरा खर्च मुझे ही करना है।"

   सलौनी ने हाँ करदी और विक्रम ने रमला से बात करके दो टिकट बुक करवा दी।

     रमला व विक्रम मनाली घूमने गये थे। रमला ने चतुराई से काम लिया ।उसने अपने पुराने दोस्तौ को भी चलने के लिए कह दिया । उसकी दो सहेली व दो दोस्त भी वहाँ पहुँच गये।

       विक्रम ने जिस होटल में कमरा बुक करवाया था उसी होटल में रमला के दोस्तौ ने कमरा  बुक करवा लिया था।

        जब विक्रम वहा रमला के साथ पहुँचा उनके साथ ही उसके दोस्त भी पहुँच गये।

      रमला के दोस्त नाटक करते हुए उससे पूछने लगे," अरे रमला तू बहुत चालाक निकली हमें बताया भी नही और अपने नये बाय फ्रैन्ड के साथ वैलैन्टाइन डे का मजा लेने आगयी।  नये बायफ्रैन्ड के चक्कर में पुराने भूल गयी।"

      रमला बोली ," नही ऐसा हो सकता है । हमारा प्रोग्राम तो अचानक बना था। पहले से कोई प्ररोग्राम नहीं था। इहलिए जल्दी में किसीको बतानही सकी। यह भी अच्छा हुआ कि आप सब आगये। अब सब मिलकर मस्ती करैगे।"

       फिर रमला ने अपने दोस्तौ व सहेलियौ का परिचय करवाया।

    रमला व विक्रम ने सभी के साथ मिलकर पूरे दिन खूब मस्ती की। दिनभर सभी ने जी भर कर मनाली की खूबसूरत बादियौ का आनन्द लिया।  सभी ने स्नोफाल का आनन्द उठाया।

              क्रमशः


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2 Comments

Abhilasha Deshpande

16-Aug-2023 11:22 AM

Nice

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Gunjan Kamal

19-Jul-2023 03:36 AM

👌👏

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